आज के मार्केटिंग क्षेत्र में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन एक मार्केटिंग विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि लोगों की AI विज्ञापनों के संभावित खतरे के प्रति जागरूकता कम है।
रोड आइलैंड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर लॉरेन लैब्रेक और उनकी टीम द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में दिखाया गया है कि उच्च रैंकिंग के मार्केटिंग जर्नल में, AI का उल्लेख करने वाले लेखों में से केवल लगभग 10% ने AI विज्ञापनों के संभावित नुकसान पर चर्चा की है।
चित्र स्रोत नोट: चित्र AI द्वारा उत्पन्न, चित्र लाइसेंस सेवा प्रदाता Midjourney
लैब्रेक ने एक साक्षात्कार में कहा कि हालांकि मार्केटिंग पेशेवर AI तकनीक का उपयोग करके दक्षता बढ़ाने, लागत कम करने और सटीक उपभोक्ता लक्ष्यीकरण करने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन वे उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाओं और संभावित नुकसान को नजरअंदाज करते दिखते हैं। शोध टीम ने 290 संबंधित मार्केटिंग जर्नल लेखों का विश्लेषण किया, जिसके परिणामस्वरूप केवल 33 लेखों ने AI अनुप्रयोगों के नैतिक मुद्दों पर विचार किया।
आजकल, कई कंपनियाँ AI उपकरणों का उपयोग करके विज्ञापनों, ईमेल और सोशल मीडिया सामग्री को अनुकूलित कर रही हैं। जब आप नेटफ्लिक्स पर कोई शो देख रहे होते हैं, तो AI एल्गोरिदम आपको कुछ फिल्में सुझाता है; अमेज़न या वॉलमार्ट जैसी वेबसाइटों पर खरीदारी करते समय, AI आपको उत्पाद सुझाव देता है; जब आप वेबसाइट ग्राहक सेवा चैटबॉट का उपयोग करते हैं, तो आप लगभग AI के साथ बातचीत कर रहे होते हैं। लगभग हर कंपनी किसी न किसी रूप में AI का उपयोग कर रही है, यहां तक कि कुछ बड़े ब्रांड जैसे कोका-कोला भी AI द्वारा निर्मित विज्ञापनों का उपयोग करने लगे हैं।
हालांकि, लैब्रेक ने指出 किया कि पारदर्शिता की कमी, जानकारी का गलत मार्गदर्शन और नियंत्रण व्यवहार ऐसे जोखिम हैं जिनसे लोगों को सतर्क रहना चाहिए। AI मार्केटिंग में हानिकारक रूढ़िवादिता को बढ़ावा दे सकता है, कलाकारों के व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है, और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से AI द्वारा संचालित ब्यूटी फ़िल्टर। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ कंपनियाँ वास्तविक मॉडलों को नियुक्त करने के बजाय AI द्वारा मॉडल छवियाँ बनाने का उपयोग कर रही हैं, जो परिणामों पर विचार करने की आवश्यकता को बढ़ाती है।
ऐसी पृष्ठभूमि में, लैब्रेक ने उपभोक्ताओं से "स्वस्थ संदेह" बनाए रखने की अपील की, साथ ही कंपनियों को AI मार्केटिंग के नकारात्मक प्रभावों से खुद और ग्राहकों की रक्षा के लिए आंतरिक निगरानी तंत्र स्थापित करने की सलाह दी। उन्होंने वर्तमान AI तकनीक के नियंत्रण को "जंगली पश्चिम" के समान बताया, और इसके लिए उचित नियमों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
मुख्य बिंदु:
🌐 केवल 10% मार्केटिंग जर्नल लेख AI के संभावित नुकसान पर चर्चा करते हैं, मार्केटिंग क्षेत्र में जोखिमों पर ध्यान कम है।
💡 कई कंपनियाँ विज्ञापनों और उत्पादों की सिफारिशों को अनुकूलित करने के लिए AI का उपयोग कर रही हैं, लेकिन पारदर्शिता और जानकारी के गलत मार्गदर्शन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
🤖 उपभोक्ताओं को संदेह बनाए रखना चाहिए, और कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र स्थापित करना चाहिए कि वे AI तकनीक का जिम्मेदार तरीके से उपयोग करें।