हाल ही में, कंप्यूटर विज्ञान और समाजशास्त्र के क्षेत्र से एक शोध टीम ने, गूगल DeepMind के साथ मिलकर, एक नई प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता एप्लिकेशन विकसित की है, जो केवल दो घंटे की बातचीत के बाद एक व्यक्ति की व्यक्तिगतता का अनुकरण उत्पन्न कर सकती है। शोध टीम ने arXiv प्रीप्रिंट सर्वर पर संबंधित पेपर प्रकाशित किया है, जिसमें इस नवाचार तकनीक और इसके भविष्य के विकास दिशा का परिचय दिया गया है।

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यह शोध वर्तमान में लोकप्रिय ChatGPT बड़े भाषा मॉडल पर आधारित है, और एक नए मॉडल का विकास किया गया है, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों से प्रश्न पूछना और उनके उत्तरों को रिकॉर्ड करके साक्षात्कारकर्ता की व्यक्तिगतता की विशेषताओं को गहराई से समझना है। विशेष रूप से, शोधकर्ता पहले प्रतिभागियों से एक श्रृंखला के प्रश्न पूछते हैं और उनके उत्तरों को ध्यान से सुनते हैं। दो घंटे की बातचीत के बाद, मॉडल रिकॉर्डिंग बंद कर देता है और एकत्रित जानकारी का विश्लेषण करना शुरू करता है, जिससे एक ऐसा अनुकरण उत्पन्न होता है जो साक्षात्कारकर्ता की व्यक्तिगतता के अनुरूप होता है।

व्यक्तित्व अनुकरण उत्पन्न करने के बाद, शोध टीम इसका परीक्षण करती है। वे अनुकरण की गई व्यक्तिगतता की तुलना वास्तविक प्रतिभागियों से करते हैं, समान प्रश्न पूछते हैं, ताकि अनुकरण की सटीकता की जांच की जा सके। प्रारंभिक परिणाम दिखाते हैं कि इस मॉडल के उत्तर वास्तविक व्यक्तियों के उत्तरों के साथ 85% तक मेल खाते हैं। शोधकर्ताओं ने指出 किया कि यह उपलब्धि मानव को प्रतिस्थापित करने का उद्देश्य नहीं है, बल्कि समाजशास्त्र अनुसंधान के लिए सुविधा प्रदान करना है। पारंपरिक समाजशास्त्र सर्वेक्षण अक्सर प्रश्नावली पर निर्भर करते हैं, यह प्रक्रिया समय लेने वाली और महंगी होती है।

इस नए मॉडल का उपयोग करके, शोधकर्ता विशेष विषयों पर लोगों के विचारों को पकड़ने की उम्मीद करते हैं, ताकि भविष्य के प्रश्नावली सर्वेक्षणों के लिए नए डेटा आधार प्रदान किए जा सकें। इस तरह, न केवल अनुसंधान की लागत को काफी कम किया जा सकता है, बल्कि अनुसंधान का दायरा भी व्यापक हो सकता है, जिससे समाज के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों की गहराई से जांच की जा सके। इस मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए, शोध टीम ने 1000 प्रतिभागियों का साक्षात्कार लिया और इन उत्पन्न व्यक्तिगतता अनुकरणों को "प्रतिनिधि" कहा। पारंपरिक AI सहायकों से अलग, ये प्रतिनिधि कार्य सहायकों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और भविष्य के व्यक्तिगत रोबोटों के मानव-रोबोट इंटरैक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

यह शोध न केवल व्यक्तिगतता अनुकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की संभावनाओं को प्रदर्शित करता है, बल्कि समाजशास्त्र अनुसंधान के लिए नए दृष्टिकोण भी खोलता है, जो विज्ञान अनुसंधान और तकनीकी अनुप्रयोगों के संयोजन में व्यापक संभावनाओं का संकेत देता है।

पेपर: https://techxplore.com/journals/arxiv/

मुख्य बिंदु:

🔍 शोध टीम द्वारा विकसित AI मॉडल दो घंटे की बातचीत के बाद व्यक्तिगतता अनुकरण उत्पन्न कर सकता है, जिसकी सटीकता 85% तक है।  

💡 यह तकनीक समाजशास्त्र अनुसंधान की लागत और समय को कम करने, और सर्वेक्षण की प्रभावशीलता और व्यापकता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है।  

🤖 अनुकरण की गई व्यक्तिगतता को "प्रतिनिधि" कहा जाता है, जो भविष्य में कार्य सहायकों और व्यक्तिगत रोबोटों के मानव-रोबोट इंटरैक्शन अनुभव को सुधार सकती है।