नवीनतम शोध में चेतावनी दी गई है कि मनोविज्ञान और मनोचिकित्सा में ChatGPT जैसे बड़े भाषा मॉडल का उपयोग नहीं करना चाहिए। शोध में यह बताया गया है कि इन मॉडलों में मनोवैज्ञानिक रूप से उपयोगी जानकारी उत्पन्न करने में मौलिक सीमाएँ हैं, और इनमें सहानुभूति और समझ की कमी है। शोध ने अकादमिक और उद्योग क्षेत्रों से सहयोग करने का आह्वान किया है ताकि मनोविज्ञान के क्षेत्र में उपयोगी भाषा मॉडल विकसित किए जा सकें, जिसमें डेटा सेट और मानक मानक शामिल हैं।
शोध चेतावनी: मनोचिकित्सा में ChatGPT की सीमाएँ
