लेख में कहा गया है कि जनरेटिव एआई के चारों ओर अत्यधिक अंतर्मुखीता और भय का माहौल है, जो एआई के स्वस्थ विकास के लिए हानिकारक है। नीति निर्धारकों को एआई के जोखिमों को तर्कसंगत रूप से देखना चाहिए और एआई नवाचार को दबाने से बचना चाहिए। लेख में जनरेटिव एआई के उदय के बाद पूर्वाग्रह, कॉपीराइट, रोजगार आदि कई क्षेत्रों में वास्तविक प्रभाव और संभावित समस्याओं का उल्लेख किया गया है। यह भविष्यवाणी करता है कि इन समस्याओं का पूरी तरह से समाधान निकाला जाना निकट भविष्य में कठिन होगा, जिसके लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। नीति निर्माण को एआई विकास के समर्थन और नियमन के बीच संतुलन भी बनाना चाहिए।
AI जोखिमों को अत्यधिक बढ़ाना सांस लेने वाली नियामकों को जन्म देगा
