पूर्व ट्रम्प वकील माइकल कोहेन ने अदालत के दस्तावेज़ों में झूठे एआई द्वारा उत्पन्न मामलों का हवाला देने की स्वीकृति दी, जबकि गूगल के बार्ड का उपयोग करते हुए कानूनी अनुसंधान करते समय इसे "सुपर सर्च इंजन" के रूप में गलत तरीके से देखा। कोहेन का कहना है कि उन्होंने अदालत को जानबूझकर गुमराह नहीं किया और एआई कानूनी तकनीक की समझ में कमी थी। इससे पहले, अदालत के दस्तावेज़ों में इसी तरह के एआई द्वारा उत्पन्न झूठे उद्धरण सामने आए थे, जिससे कुछ विवाद उत्पन्न हुआ।
पूर्व ट्रंप वकील ने कानूनी दस्तावेज़ में झूठे एआई जनित मामलों का उल्लेख करने की स्वीकृति दी
