हाल के वर्षों में, ट्रांसफार्मर आर्किटेक्चर के आगमन ने बड़े पैमाने पर भाषा मॉडल पर आधारित जनरेटिव एआई को संभव बना दिया है। यह लेख विस्तार से बताता है कि ट्रांसफार्मर कैसे आत्म-ध्यान तंत्र के माध्यम से भाषा प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाता है, विभिन्न प्रकार के जनरेशन कार्यों का समर्थन करता है। हालांकि मॉडल में "भ्रम" जैसी सीमाएँ हैं, लेकिन यह तकनीक पहले से ही कई नवाचारों को जन्म दे चुकी है और अधिक क्षेत्रों में विस्तार कर रही है, जिससे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास में बदलाव आ रहा है।