हाल ही में, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने काम पर AI के प्रभाव पर विचारोत्तेजक विचार व्यक्त किए हैं। गेट्स ने सुझाव दिया है कि काम मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है, बल्कि यह कमी के युग की उपज है, जिसका मूल मनुष्य की बुद्धि का उपयोग करके विभिन्न सेवाएँ प्रदान करना है।

गेट्स ने भविष्य की कल्पना करते हुए कहा है कि AI क्रांति अगले दस वर्षों में पारंपरिक उद्योगों में गहरा परिवर्तन लाएगी। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणालियों से 80% से अधिक नियमित निदान, दवा अनुसंधान और ज्ञान के प्रसारण का काम करने की उम्मीद है। AI सटीक एल्गोरिदम और निर्बाध संचालन के साथ, न केवल सेवा दक्षता में काफी वृद्धि कर सकता है, बल्कि चिकित्सा और शिक्षा संसाधनों तक पहुँच के मूल तर्क को भी बदल सकता है।

साथ ही, गेट्स ने बताया है कि तीन ऐसे व्यवसाय हैं जिन्हें AI द्वारा प्रतिस्थापित करना मुश्किल है। पहला है प्रोग्रामर, हालाँकि GitHub Copilot जैसे AI प्रोग्रामिंग टूल 30% बुनियादी कोड लिख सकते हैं, लेकिन जटिल सिस्टम के आर्किटेक्चर डिज़ाइन के लिए मानव इंजीनियरों की समग्र योजना की आवश्यकता होती है।

बड़े सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स में, प्रोग्रामर की नवीन सोच और समस्या समाधान की क्षमता AI से कहीं बेहतर होती है। दूसरा है ऊर्जा विशेषज्ञ, ऊर्जा क्षेत्र की जटिलता और विशालता के कारण, हालाँकि AI विश्लेषण और दक्षता में सुधार करने में मदद कर सकता है, लेकिन निर्णय लेने और संकट प्रबंधन में मानव का पेशेवर ज्ञान और अनुभव अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है। तीसरा है जीवविज्ञानी, हालाँकि AI डेटा विश्लेषण और रोग निदान में मदद कर सकता है, लेकिन चिकित्सा अनुसंधान और वैज्ञानिक खोज में जीवविज्ञानियों की रचनात्मकता, अंतर्ज्ञान और आलोचनात्मक सोच AI के लिए असंभव है।

मुख्य बातें:

💥बिल गेट्स का मानना ​​है कि AI अगले दस वर्षों में पारंपरिक उद्योगों, विशेष रूप से चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में, में गहरा परिवर्तन लाएगा, जहाँ यह अधिकांश नियमित कार्य करेगा।

👨‍💻प्रोग्रामर, ऊर्जा विशेषज्ञ और जीवविज्ञानी ये तीन प्रकार के व्यवसाय ऐसे हैं जिन्हें AI द्वारा प्रतिस्थापित करना मुश्किल है क्योंकि इनमें मानव की अनूठी क्षमताओं और अनुभवों की आवश्यकता होती है।

🌟AI दक्षता में सुधार कर सकता है और उद्योग के तर्क को बदल सकता है, लेकिन जटिल सिस्टम डिज़ाइन, ऊर्जा निर्णय और जैविक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में मानव की पेशेवर क्षमता अभी भी अपरिहार्य है।