चेकमार्क्स द्वारा प्रकाशित एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, हालांकि 15% कंपनियाँ AI प्रोग्रामिंग टूल्स के उपयोग को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करती हैं, फिर भी लगभग सभी विकास टीमें (99%) इन टूल्स का उपयोग कर रही हैं। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि वास्तविक विकास प्रक्रिया में जनरेटिव AI के उपयोग को नियंत्रित करना कितना कठिन है।
अध्ययन में पाया गया कि केवल 29% कंपनियों ने जनरेटिव AI टूल्स के लिए किसी प्रकार की शासन प्रणाली स्थापित की है। 70% कंपनियों ने केंद्रीय नीति नहीं बनाई है, और विभिन्न विभागों के खरीद निर्णय अक्सर अस्थायी होते हैं, जिससे एकीकृत प्रबंधन की कमी होती है।
जैसे-जैसे अधिक से अधिक डेवलपर्स AI प्रोग्रामिंग टूल्स का उपयोग कर रहे हैं, सुरक्षा मुद्दों पर भी चिंता बढ़ रही है। 80% उत्तरदाता चिंतित हैं कि डेवलपर्स के AI के उपयोग से संभावित खतरे हो सकते हैं, जिनमें से 60% विशेष रूप से AI द्वारा उत्पन्न "भ्रम" समस्याओं को लेकर चिंतित हैं।
इन चिंताओं के बावजूद, कई लोग AI की क्षमता के प्रति रुचि रखते हैं। 47% उत्तरदाता AI को बिना निगरानी के कोड परिवर्तन करने की अनुमति देने के लिए तैयार हैं, जबकि केवल 6% लोग इस बात का दावा करते हैं कि वे सॉफ़्टवेयर वातावरण में AI की सुरक्षा उपायों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करते।
चेकमार्क्स के मुख्य उत्पाद अधिकारी कोबी त्जुरिया ने कहा: "वैश्विक CISO की प्रतिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि डेवलपर्स AI का उपयोग एप्लिकेशन विकास के लिए कर रहे हैं, भले ही ये AI टूल सुरक्षित कोड बनाने में विश्वसनीय न हों, इसका मतलब है कि सुरक्षा टीमों को नए उत्पन्न हुए संभावित कमजोरियों वाले कोड का सामना करना पड़ेगा।"
माइक्रोसॉफ्ट की कार्य प्रवृत्ति सूचकांक रिपोर्ट में भी दिखाया गया है कि कई कर्मचारी बिना AI टूल्स के अपने AI टूल्स का उपयोग करते हैं, अक्सर इस पर सार्वजनिक चर्चा नहीं करते, जिससे व्यवसाय प्रक्रियाओं में जनरेटिव AI के प्रणालीगत कार्यान्वयन में बाधा आती है।
मुख्य बिंदु:
1. 🚫 **15% कंपनियाँ AI प्रोग्रामिंग टूल्स पर प्रतिबंध लगाती हैं, लेकिन 99% विकास टीमें अभी भी उनका उपयोग कर रही हैं**
2. 📊 **केवल 29% कंपनियों ने जनरेटिव AI टूल्स के लिए शासन प्रणाली स्थापित की है**
3. 🔐 **47% उत्तरदाता AI को बिना निगरानी के कोड परिवर्तन करने की अनुमति देने के लिए तैयार हैं**