भू-विज्ञान के क्षेत्र में, भूवैज्ञानिक मानचित्र पृथ्वी की सतह और भूमिगत संरचना को समझने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं। हालाँकि, इन जटिल चार्ट की व्याख्या करने के लिए विशेषज्ञता और व्यापक अनुभव की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र में बुद्धिमत्ता के स्तर को बढ़ाने के लिए, माइक्रोसॉफ्ट एशिया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने हाल ही में एक नया बेंचमार्क सेट, जियोमैप-बेंच लॉन्च किया है, जो विशेष रूप से भूवैज्ञानिक मानचित्रों की समझ में बहु-मोडल बड़े भाषा मॉडल (MLLMs) के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
जियोमैप-बेंच का लॉन्च भूवैज्ञानिक मानचित्र व्याख्या में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुप्रयोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ताओं ने चीन के भूवैज्ञानिक विज्ञान संस्थान और वुहान विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के साथ गहन चर्चा की और भूवैज्ञानिक मानचित्र समझ के लिए पाँच महत्वपूर्ण क्षमताओं की पहचान की: सूचना निष्कर्षण, स्थान निर्धारण, संदर्भ, तर्क और विश्लेषण। ये क्षमताएँ बुनियादी जानकारी प्राप्त करने से लेकर जटिल तार्किक कार्यों को करने तक कई पहलुओं को कवर करती हैं, यह सुनिश्चित करती हैं कि AI भूवैज्ञानिक मानचित्रों को पूरी तरह से समझ सके।
शोधकर्ताओं ने 7000 से अधिक भूवैज्ञानिक मानचित्रों का उपयोग करके जियोमैप-बेंच बनाया है, जिससे 3000 से अधिक मानक उत्तरों वाले प्रश्न उत्पन्न हुए हैं, ताकि मौजूदा बहु-मोडल बड़े भाषा मॉडल की भूवैज्ञानिक मानचित्र व्याख्या में सीमाओं का मूल्यांकन किया जा सके। सामान्य चुनौतियों में उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों का प्रसंस्करण, विशेषज्ञता के ज्ञान की आवश्यकता और विविध दृश्य अभिव्यक्तियाँ शामिल हैं।
भूवैज्ञानिक मानचित्रों के बुद्धिमान विश्लेषण को और आगे बढ़ाने के लिए, माइक्रोसॉफ्ट ने जियोमैप-एजेंट भी विकसित किया है, यह एजेंट न केवल भूवैज्ञानिक मानचित्रों को डिजिटल रूप से संसाधित करने में सक्षम है, बल्कि उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवि प्रसंस्करण और विशेषज्ञता के ज्ञान के अनुप्रयोग में भी उल्लेखनीय सुधार करता है। जियोमैप-एजेंट की संरचना में तीन मुख्य मॉड्यूल शामिल हैं: पदानुक्रमित सूचना निष्कर्षण, विशेषज्ञता ज्ञान अंतःक्षेपण और संवर्धित संकेत प्रश्नोत्तर, इन मॉड्यूल के संयोजन से AI जटिल भूवैज्ञानिक जानकारी का कुशलतापूर्वक और सटीक रूप से विश्लेषण करने में सक्षम है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि जियोमैप-बेंच और जियोमैप-एजेंट के लॉन्च से न केवल भूविज्ञान के क्षेत्र में AI अनुप्रयोगों के लिए एक नया शोध आधार प्रदान होता है, बल्कि यह भूवैज्ञानिक जानकारी के डिजिटलीकरण और बुद्धिमत्ता को भी बहुत बढ़ावा देगा, जिससे आपदा चेतावनी और संसाधन अन्वेषण जैसे व्यापक क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।