हालिया शोध में पाया गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता कुछ प्रकार के कैंसर की आक्रामकता का मूल्यांकन करने में बायोप्सी की तुलना में अधिक सटीकता प्रदान करती है, जिससे हजारों मरीजों की जान बचाई जा सकती है। सारकोमा पर किए गए शोध से पता चलता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता एल्गोरिदम जीवित ऊतक परीक्षण की तुलना में अधिक सटीक हैं, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार परिणाम मिलते हैं। यह तकनीक अन्य प्रकार के कैंसर में भी विस्तारित होने की संभावना है, जिससे कई लोग लाभान्वित हो सकते हैं। विशेषज्ञ उत्साहित हैं और कहते हैं कि यह उन्नत तकनीक कैंसर मरीजों की निदान गति और उपचार प्रभाव को सुधारने में मदद करेगी।