लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज के न्यूरोसाइंस के वैज्ञानिकों ने AI भाषा मॉडल की मदद से एक नया उपकरण विकसित किया है, जो मनोविकृति (स्किजोफ्रेनिया) के रोगियों की आवाज़ में सूक्ष्म भिन्नताओं की पहचान कर सकता है। यह अध्ययन यह जांचता है कि कैसे स्वचालित भाषा विश्लेषण के माध्यम से मानसिक बीमारियों के निदान और मूल्यांकन में सुधार किया जा सकता है। शोध के परिणाम बताते हैं कि मनोविकृति रोगियों की भाषा प्रदर्शन नियंत्रण समूह की तुलना में AI मॉडल द्वारा पूर्वानुमानित नहीं किया जा सकता, जो संभवतः मस्तिष्क के सीखने और संज्ञानात्मक मानचित्र के भंडारण के तरीके से संबंधित है। वैज्ञानिक इस तकनीक को बड़े रोगी नमूनों में लागू करने की योजना बना रहे हैं, जिससे मानसिक बीमारियों के निदान में नए संभावनाएं आ सकती हैं।
एआई भाषा मॉडल मानसिक विकारों के निदान में सहायता करता है
